संभलना ज़रूरी है: जनसंख्या बनाम प्रकृति

पृथ्वी के पास सीमित संसाधन हैं। संसार में एक समय में केवल सीमित ही अन्न और स्वच्छ जल है। ग्रह पर दबाव है और आबादी में वृद्धि का अर्थ है कि खिलाने के लिए अधिक जनसंख्या हैं। हम घरों और खेती की जमीनों के लिए रास्ता बनाने के लिए पहले से ही जंगल को नष्ट कर रहे हैं। अगर आबादी बढ़ती रही तो हमारे पास संसाधन नहीं बचेगें तथा हम दुनिया में प्रजनन की मात्रा को सीमित करने के लिए कदम उठा सकते हैं। ज़ी मीडिया के साथ साझेदारी मे मोबियस फाउंडेशन के लिए यह केंद्रीय विषय था। इस अभियान के साथ मोबियस फाउंडेशन ने मानव जनसंख्या वृद्धि पर फिर से ध्यान केंद्रित करने के लिए काम किया। कार्यक्रम का शीर्षक “MISSION SUSTAINABILITY- POPULATION VS. PLANET” WION चैनल पर अंग्रेजी दर्शकों के लिए और Zee News और इसके क्षेत्रीय नेटवर्क पर हिंदी और क्षेत्रीय दर्शकों के लिए “संभलना जरूरी है: जनसंख्या बनाम प्रकृति” रखा गया।

इस अभियान के तहत, जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता और प्राकृतिक संसाधन, ऊर्जा संकट, वायु प्रदूषण, नौकरी और आवास, जल प्रदूषण, गैर-नवीकरणीय संसाधनों की कमी, शिक्षा और अधिकारिता के क्षेत्रों में अत्यधिक जनसंख्या कैसे दबाव के लिए जिम्मेदार है, आदि विषयों पर चर्चा की गई। 15 महीने तक चलने वाले इस अभियान ने संसाधनों पर अधिक जनसंख्या के प्रभाव की पृष्ठभूमि के तहत वर्तमान जनसंख्या के आंकड़ों की जानकारी दी और स्थिरता के लिए समाधान पेश किए।